इस तरह तेल से कु्ल्ला करने पर निकल जाती है दातों की गंदगी

अधिकांश लोगों का मानना है कि तेल से कुल्ला करने से कई तरह के फायदे होते हैं। बता दें कि कुल्ला करने के लिए तिल का तेल, नारियल तेल और सूरजमुखी का तेल आदि का इस्तेमाल किया जाता है।
डॉ. कराच द्वारा किए गए शोध के मुताबिक तेल से कुल्ला करने के बाद निकले एक बूंद थूक में जीवाणुओं के लगभग 500 प्रजातियां बाहर आ जाती हैं। दरअसल, शरीर से कीटाणुओं को बाहर निकालने में तेल से कुल्ला करना बेहद फायदेमंद है। इसके लिए सुबह उठकर चाय पीने से पहले ये तरीका अपनाएं...चलिए आपको बताते हैं इसके फायदे और नुकसान के बारे में..

तेल से कुल्ला करने के फायदे
- तेल से कुल्ला करने के कई फायदे हैं। बता दें कि तेल से कुल्ला करने पर चेहरे की खूबसूरती बढ़ जाती है।
- आप शीशम और सूरजमुखी के तेल को मुंह के अंदर करीब 20 मिनट तक रखें और इसे लगातार मुंह के चारों तरफ घुमाते रहें। ऐसा करने पर दांत साफ होते हैं। लेकिन इसके साथ ब्रश करें ताकि बचे हुए कीटाणु भी साफ हो जाएं। लेकिन ध्यान रखें कि इसे अधिक स्पीड में न घुमाएं इससे आपको नुकसान हो सकता है।

- तेल से कुल्ला करने पर किसी भी तरह की दूर होती है।
- जिन लोगों को दमे की समस्या हैं उनके लिए ये उपाय सबसे लाभकारी पाया गया है।
- हाई ब्लड प्रेशर रोगी के लिए भी ये फायदेमंद है।
- इसके अलावा कब्ज,माइग्रेन एवं इन्सोमनीया जैसी अवस्था में भी तेल से कुल्ला बेहत फायदेमंद है।
- तेल से कुल्ला करने पर मसूड़ों और दातों की समस्याओं से तुरंत आराम मिलता है।

तेल से कुल्ला करने के ये हैं नुकसान
- जब भी तेल से कुल्ला करें तो सावधानी बरतें। अपनी गर्दन को पीछे की ओर न झुकायें वरना आप इसे अंदर निगल जाएंगे। अगर आपको ऐसा महसूस हो कि तेल अंदर जाने वाला है तो इसे बाहर निकाल दें।
- तेल से कुल्ला करने पर दांतों में जमे मैल निकल जाते हैं लेकिन मसूड़ों की बीमारियों से नहीं बचा जा सकता है।
- अगर आपने अच्छी क्वालिटी वाले तेल का इस्तेमाल नहीं किया तो आपको भारी नुकसान हो सकता है। बेहतर होगा कि आप अच्छी क्वालिटी वाला तेल का ही इस्तेमाल करें।
- बच्चे को तेल से कुल्ला न करने दें। वह तेल को निकल सकते हैं। जो ट्यूब में जा सकता है जिससे लिपोइड निमोनिया हो सकता है। इससे बेहतर होगा कि आप बच्चों के दांत स्वस्थ रखने के लिए उनमें रोजाना ब्रश करने की आदत डालवाएं।